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बज्जिका महोत्सव में संवाद, लोकनृत्य एवं कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार

मुजफ्फरपुर जिला परिषद सभागार में एक दिवसीय बज्जिका महोत्सव का शुभारंभ किया गया। जिसमें तीन सत्र में क्रमश: संवाद, लोकनृत्य एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। लोक भाषा बज्जिका के कवि- कवयित्री द्वारा विभिन्न विषयों पर कविता पाठ किया गया।  बज्जिका  महोत्सव का उद्धाटन उप-विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला सहायक कोषागार अधिकारी वैसुर रहमान अंसारी, वरीय उप-समाहर्ता जूली पांडे, निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, संजय कुमार एव जिला कला एवं  संस्कृति पदाधिकारी सुष्मिता कुमारी, साहित्यकार चितरंजन सिन्हा कनक, डॉ.राम प्रवेश सिंह, देवेन्द्र राकेश, डॉ.शारदा चरण, चन्द्र किशोर पाराशर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। प्रथम सत्र में वक्ता के रूप में श्री पाराशर ने स्वतंत्रता आंदोलन में बज्जिका समाज के योगदान पर प्रकाश डाला। उदय नारायण सिन्हा ने बज्जिका भाषा के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। विनोद कुमार सिन्हा ने भाषा विज्ञान, आगम-निगम शब्दों के निर्माण पर जोर दिया एवं उत्तरोत्तर साहित्य के विकास पर प्रकाश डाला। डॉ.शारदाचरण ने ध्वनि एवं ध्वनि चिन्हों, शब्दों, वाक्यों एव बज्जिका के व्याकरण पर प्रकाश डाला। डॉ.राम प्रवेश सिंह ने लोक भाषा के रूप में बज्जिका के जन संवाद पर जन संवाद के महत्व पर जोर दिया अपनें अध्यक्षीय भाषण में डॉ.चितरंजन सिन्हा कनक ने पहली बार बज्जिका महोत्सव के आयोजन पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन एवं जिला कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को साधुवाद देते हुए भाषा के विकास में इस तरह के आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया। दूसरे सत्र में स्वर्णिम कला केंद्र के बच्चियों के द्वारा झिझिया, सामा चकेवा, कजरी और झूमर की बेह्तरीन प्रस्तुति की गयी । बिहार की लोकनृत्य के अच्छी प्रस्तुति की प्रशंसा की गई। कार्यक्रम के तीसरे सत्र में बज्जिका भाषा के लोक कवि एवं कवयित्री ने बज्जिका भाषा में अपनी कविता प्रस्तुत की जिसमें प्रमुख रूप से अमिताभ कुमार सिन्हा, विद्या चौधरी, मणि  भूषण प्रसाद सिंह अकेला, प्रेम कुमार वर्मा, डॉ.सोनी,  डॉ.सविता राज, हेमा सिंह, गौरीशंकर भगत, अवधेश तृषित, सतीश चंद्र भगत, कामेश्वर मिश्र घुमक्कड़, प्रमोद नारायण मिश्र, डॉ.हरि किशोर प्रसाद सिंह, डॉ.हरि नारायण सिंह, डॉ.उषा किरण श्रीवास्तव, मुख्य रूप से शामिल रहें. इनसे जुड़े अन्य कलाकारों मे अनीता सिंह, ज्योति चौरसिया, नीतू सिंह, संजू देवी, विभा देवी, कीर्ति देवी, मुस्कान, राजेश मिश्रा, कंचन प्रकाश मौजूद रहें। महोत्सव में प्रो.हंस लाल साह द्वारा बज्जिका पुस्तक स्टॉल लगाया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन बज्जिका भाषा में गोपाल फलक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुष्मिता कुमारी के द्वारा किया गया.

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