अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीतामढ़ी जिले के विभिन्न पंचायतों और संस्थानों में आम सभा और अन्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, ०८ मार्च
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीतामढ़ी जिले के विभिन्न पंचायतों और संस्थानों में आम सभा और अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी क्रम में सुरसंड प्रखण्ड के बघारी पंचायत, राम सेवक सिंह महिला महाविद्यालय, सुप्पी के ससौला पंचायत, आदि जगहों पर पीरामल फाऊंडेशन के द्वारा भी महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों की भी जानकारी दी साथ ही जिले के मॉडल पंचायत के रूप में चयनित डुमरा प्रखण्ड के मिश्रौलीया पंचायत में भी विशेष आम सभा का आयोजन किया गया। इस आम सभा में प्रखण्ड प्रमुख डुमरा संगीता देवी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी डुमरा अभिषेक चंदन, स्थानीय मुखिया आरती देवी , जिला परिषद प्रतिनिधि और पीरामल फाऊंडेशन के जिला लीड प्रभाकर कुमार और प्रोग्राम लीड रोहित कुमार ने महिलाओं के समुचित विकास हेतु सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे जननी बाल सुरक्षा योजना, कन्या उत्थान योजना, परिवार नियोजन कार्यक्रम आदि, शिक्षा विभाग द्वारा बालिकाओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल योजनाओं के बारे में, वहीं जीविका द्वारा चलाए जा रहे रोजगार सृजन संबंधित योजनाओं के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। सभी आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सेविका एवं जीविका समूह के सदस्यों से साथ मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए काम करने की बात की गई। साथ ही उपस्थित सभी महिलाओं से पंचायत के समग्र विकास हेतु अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई। राष्ट्रीय सेवा योजना, महिला एवं बाल निगम तथा प्रथम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में राम सेवक सिंह महिला कॉलेज में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान एवं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डॉ. रेणु ठाकुर ने की। कार्यक्रम के पहले दिन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर अपनी रचनात्मकता प्रस्तुत की। वहीं, दूसरे दिन आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मुनेन्द्र कुमार, तायक्वोंडो अकादमी, सीतामढ़ी द्वारा छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण गुर सिखाए गए। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना था। एनएसएस के प्रोग्राम पदाधिकारी प्रो.आरती पाण्डेय ने बताया महिला दिवस केवल महिलाओं के अधिकारों और उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह उनके कर्तव्यों और समाज व देश के प्रति जिम्मेदारियों को समझने का भी समय है। उन्होंने बताया देशहित में महिलाएं जिस भी क्षेत्र में काम कर रही हैं, उसमें पूरी ईमानदारी और मेहनत से योगदान दें। परिवार में नैतिक मूल्यों और संस्कारों को बढ़ावा दें। स्वयं शिक्षित बनें और दूसरों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करें। बेटा-बेटी में समानता का व्यवहार करें और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने में योगदान दें। भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सकारात्मक रूप में आगे बढ़ाएं |बच्चों और युवाओं को नैतिक मूल्यों की शिक्षा दें। डीपीएम एजाजूल अंसारी ने बताया महिलाएँ समाज की रीढ़ होती हैं, और जब वे अपने कर्तव्यों को समझकर आगे बढ़ती हैं, तो न केवल उनका खुद का विकास होता है, बल्कि पूरा देश मजबूत और आत्मनिर्भर बनता है। इस कार्यक्रम के तहत छात्राओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के महत्व के प्रति जागरूक किया गया। विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया, जिससे वे आत्मरक्षा के विभिन्न तकनीकों को सीख सकें। कार्यक्रम में छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विभिन्न गणमान्य अतिथियों ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा किए और उन्हें शिक्षा एवं स्वावलंबन के महत्व को समझाया। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था। मौके पर प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार, पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर प्रोग्राम अभिषेक कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन जिला प्रतिनिधि मो.शारीब, बीरेंद्र कुमार, महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. अमजद अली, डॉ.रविन्द्र कुमार, डॉ.बी.शबीला, डॉ.हेमलता, डॉ.स्नेहा, डॉ.रजनीश कुमार और डॉ.कुमारी पुष्पांजलि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कई गैर-शिक्षण कर्मचारी भी मौजूद रहे, जिनका योगदान आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण रहा।