स्वस्थ्य व्यक्ति भी खाएं फाइलेरियारोधी दवा, प्रतिकूल असर पर घबराएं नहीं: रिची पांडेय, जिलाधिकारी
सर्वजन दवा सेवन पर मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन, प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का हुआ गठन

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी , बिहार, ०८ फ़रवरी
फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है, इसके संक्रमण का प्रभाव संक्रमण के 5-10 वर्षो के पश्चात हाथीपांव या हाइड्रोसील के सूजन के रूप में मिलता है। इससे बचाव के लिए जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत फाइलेरियारोधी दवाएं खिलाई जाएगी। इसे स्वस्थ व्यक्ति को भी खाना है। जिन लोगों में माइक्रोफाइलेरिया रहते हैं उन्हें कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी दिख सकते हैं। यह कुछ समय में स्वत: खत्म हो जाते हैं। सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में जिला प्रशासन, सीफार एवं जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी रिची पांडेय ने उक्त बातें कही। कार्यशाला में सीएस डॉ.अखिलेश कुमार, डीपीआरओ कमल सिंह, एसीएमओ डॉ.जेड जावेद, डीपीएम आशित रंजन, डीएमएनई संतोष कुमार, पीरामल से प्रभाकर कुमार,रोहित कुमार, दुर्गा प्रसाद सिंह, सिफार के प्रतिनिधि, भीबीडीसी कार्यालय से प्रिंस कुमार,पवन कुमार,राजू ,कमलेश सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थें. कार्यशाला में जिलाधिकारी श्री पाण्डेय नें कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाओं को किसी हालत में खाली पेट नहीं खाना है। अभियान के प्रथम तीन दिन स्कूलों में दवा खिलाई जाएगी। इस सबंध में सभी स्कूलों के प्राचार्य को निदेशित किया गया है कि वे ससमय मध्याहन भोजन बच्चों को परोसे। उन्मुखीकरण के दौरान पीरामल के प्रभाकर कुमार ने पीपीटी के माध्यम से फाइलेरिया के कारकों और वर्तमान परिस्थितियों पर जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी द्वारा सभी मीडिया कर्मियों से एमडीए चक्र के दौरान सकारात्मक सहयोग करते हुए जनसमुदाय को जागरूक करने की अपील की गयी है। सिविल सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार ने बताया कि जिले की आबादी करीब 42 लाख है। इनमें से 37 लाख से ज्यादा लोगों का एमडीए के तहत डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। यह गोली दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती माताएं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा का सेवन नहीं कराना है। अभियान को कुल 17 कार्य दिवस के अनुरूप तैयार किया गया है। इसमें कुल आशा दलों की संख्या 1612 तथा कुल पर्यवेक्षक 160 है। रैपिड रिस्पांस टीम का गठन सभी प्रखंडो तथा शहरी क्षेत्रों में किया गया है। सीएस ने कहा कि एनबीएस के दौरान शहरी क्षेत्र भी लोग माइक्रोफाइलेरिया से प्रभावित पाए गए हैं। इस लिहाज से यहां भी प्रत्येक शहरी पोषण क्षेत्र में एक आंगनबाड़ी वर्कर तथा एक वॉलिंटियर दवा खिलाएंगी। जिला जनसम्पर्क अधिकारी कमल सिंह नें बताया की जिले के सभी 17 प्रखंड और एक शहरी क्षेत्र में दवा, लॉजिस्टिक एवं आईसी का वितरण जन समुदाय में जागरूकता हेतु किया जा चुका है। विभिन्न मदरसा में मौलवी एवं छात्रो को दवा खाने के लिए जागरूक किया जा चुका है। जीविका समूह की बैठक करते हुए उन्हें स्वयं और पड़ोस के लोगों को दवा खिलाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान 22 से ज्यादा विभागों को समन्वय हेतु जिलाधिकारी द्वारा निदेशित किया जा चुका है।