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डुमरा के मुरादपुर स्थित कृषि विभाग के परिसर में आत्मा सीतामढ़ी के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय किसान मेला-सह-कृषि उत्पाद प्रदर्शनी का जिलाधिकारी के द्वारा किया गया उद्घाटन

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, ०५ फ़रवरी  

सीतामढ़ी के डुमरा के मुरादपुर स्थित कृषि विभाग के परिसर में आत्मा सीतामढ़ी के तत्वाधान में आयोजित  दो दिवसीय जिला स्तरीय किसान मेला-सह-कृषि उत्पाद प्रदर्शनी का उद्घाटन जिलाधिकारी रिची पांडेय के द्वारा किया गया। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, उप-परियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड उद्यान अधिकारी, तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार के साथ बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिलाधिकारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि देश की रीढ़ है और इसे आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। इस मेले से किसानों को नई जानकारी और संसाधन प्राप्त होंगे जो उनकी आय बढ़ाने में मददगार होंगे। डीएम ने जिलास्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी में विभिन्न क्षेत्रों से प्रदर्श लेकर आए किसानों से आह्वान किया कि इसकी जानकारी अपने आसपास के किसानों को भी दें एवं दिखाएं। कृषि कर्मियों से आह्वान किया गया कि टीम भावना से कार्य करें। किसानों के साथ हमेशा खड़ा रहें। उनकी समस्याओं का समाधान करें। छोटे किसानों के घर जाकर उनकी समस्याओं का निदान करें। जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करें। फसल विविधीकरण को बढ़ावा दें। सीतामढ़ी जिला में अधिकांश लघु एवं सीमान्त कृषक है। यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित भी है।ऐसी स्थिति में किसानों के उत्थान के लिए तथा फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिसका अधिकाधिक किसानों को सूचना देकर लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के वृक्षावरण में वृद्धि, मृदा संरक्षण, फसलों की खेती से वंचित भूमि पर फलदार वृक्ष एवं हरी सब्जी लगाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा अधिक रोजगार का सृजन कराएं। जिला स्तर से किसानों को उपलब्ध कराए जाने वाले उर्वरक एवं बीज का सतत अनुश्रवण किया जाए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य करावे ताकि खेतों की उर्वरता में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद से मुक्ति के लिए कृषि कार्य के साथ पशुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रभावी कार्य किया जाए। मेले में खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देने के बारे में विस्तृत रूप जानकारी दी गई।बताया गया कि मखाना खेती के इच्छुक किसान को भी जिले में बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले के चोरौत एवं पुपरी प्रखंड में इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।खस की खेती को बढ़ावा देने के लिए रूनी सैदपुर एवं  सुप्पी के किसानों के द्वारा लगभग डेढ़ एकड़ में इसकी खेती की जा रही है। लीची, केला, आम ताइवान एवं अन्य फल सब्जियां के साथ जिले में लगभग 25000 स्ट्रॉबेरी का पौधा किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। जिले में आत्मा द्वारा फल-फूल एवं सब्जियों का निशुल्क पौधा का वितरण किया जा रहा है एवं नवाचार गतिविधियों का निरंतर प्रयोग किया जा रहा है किया जा रहा है। किसानों द्वारा लगाए जा रहे फल-फूल एवं सब्जी तथा स्ट्रॉबेरी का होलसेल बाजार में बिक्री भी कराया जा रहा है ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सके। वही प्रदर्शनी मेला में जिले से आए हुए किसानों को रासायनिक खाद से मुक्ति के लिए पशुपालन एवं खेती की आवश्यकता के बारे में बताया गया।पशुपालन कार्य कर रासायनिक खाद से मुक्ति के लिए उसके जैविक अपशिष्ट से गुणवत्तापूर्ण जैविक खाद्य का उपयोग अपने खेत में किया जा सकता है। पशुओं के टीकाकरण से पशुओं के बचाव के साथ-साथ उसके उत्पादकता को भी बढ़ाया जा रहा है और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन किया जा रहा है साथ ही पशु बांझपन को दूर किया जा रहा है। वर्ष 2014 से क्रियान्वित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत जिसका मुख्य उद्देश्य पशुओं का संवर्धन एवं विकास है इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को पूरे देश के साथ बिहार राज्य में भी लागू किया गया है। इसके तहत गुणवत्तापूर्ण पशु वीर्य का उत्पादन /संरक्षण कर सेक्स सॉर्टेड सीमेन का उत्पादन किया जा रहा है।इसके तहत कृत्रिम गर्भाधान कार्य करने से शत प्रतिशत बाछी का जन्म होता है। जो आज के समय में पशुपालकों के हित में मिल का पत्थर साबित हो रहा है। इसकी जानकारी जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा दी गई। वही डीडीएम नाबार्ड द्वारा बताया गया कि खेती में किए गए नवाचार को एक मंच प्रदान करना है ताकि मेले में आए किसान उन नवाचार को देखें और वैसी ही खेती  को वे अपनाएं।कहा कि हम सभी का उद्देश्य है कि किसानों के आय में वृद्धि  हो। उन्होंने बताया कि कृषि लागत कम करने एवं उचित मूल्य पर कृषि उपज को बेचने के लिए कृषि उत्पादक संघ बनाया जा रहा है। अब तक जिले के12 प्रखंडोंमें कृषि उत्पादक संघ बनाया गया है। इसके बनने से किसानों को फायदा होगा। कृषि लागत में कमी आएगी। उर्वरक बीज आदि उचित मूल्य पर मिलेंगे। साथ ही कृषि संयंत्र बैंक स्थापित कर किसानों को कम भाड़े पर यंत्र मिल पाएंगे। किसानों के लिए बैंकों के माध्यम से केसीसी लोन सस्ते ब्याज दर जो कि 7% है पर दिया जा रहा है।

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