बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित परिसंवाद आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २० दिसम्बर
बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय अतिथिगृह सभाकक्ष में भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित परिसंवाद का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के क्षेत्र संयोजक प्रो.विजय कुमार सिंह उपस्थित रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने अध्यक्षता की जबकि विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.बी.एस राय विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। परिसंवाद का संचालन भारतीय भाषा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और यूजीसी एमएमटीटीसी के उप-निदेशक डॉ.राजेश्वर कुमार ने किया। परिसंवाद की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत सह-संयोजक डॉ.हरीश दास ने की, जबकि स्वागत भाषण श्री कृष्ण महिला कॉलेज, मोतिहारी के प्राचार्य प्रो.पंकज कुमार ने की। इस अवसर पर लंगट सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.ओम प्रकाश राय, रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.ममता रानी, राघव प्रसाद सिंह महाविद्यालय, जैतपुर के प्राचार्य प्रो.राकेश कुमार सिंह, भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.राजेश कुमार वर्मा, विश्वविद्यालय के महाविद्यालय निरीक्षक प्रो. राजीव कुमार, हिन्दी विभाग के प्रो.प्रमोद कुमार सहित दर्जनों प्राध्यापकों, विश्वविद्यालय के अधिकारियों सहित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. सिंह ने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा आयोजित नालंदा ज्ञानकुंभ में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की भूमिका काफी प्रशंसनीय रही है। यह बिहार का पहला विश्वविद्यालय है, जो भारतीय ज्ञान परंपरा की पुनर्स्थापना हेतु जनजागरण भी कर रहा है और अकादमिक दृष्टि से भी सेल बनाकर काम को आगे बढ़ा रहा है। अध्यक्षीय भाषण करते हुए कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की भूमिका प्रशंसा योग्य है। नालंदा ज्ञानकुंभ के उपरांत क्रियान्वयन की दृष्टि से भी बाबासाहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभाएगा और शीघ्र ही विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की स्थापना करके इस दिशा में आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा के सेल को गठित करने के बाद महाविद्यालय स्तर पर भी इसे क्रियान्वित किया जाएगा। कुलानुशासक प्रो.राय ने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के साथ मिलकर बाबा साहेब भीमराव अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा के क्रियान्वयन हेतु प्रयास करेगा और जल्द ही इस दिशा में एक सकारात्मक वातावरण बनेगा। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर के बीच एमओयू भी हुआ, जिसके अंतर्गत आगामी माह से भारतीय ज्ञान परंपरा के क्रियान्वयन हेतु विशेष प्रयास आरम्भ किया जाएगा। परिसंवाद में लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव रामलाल सिंह, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के कार्यकर्ता और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के सीनेटर अजय यादव, प्रांत संयोजक डॉ.दयानंद मेहता, गौरव पंवार, अभय कांत श्रीवास्तव, आकाश मोदी, डॉ. प्रशांत राय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।