समाज के हर वर्ग की एकजुटता से ही बाल विवाह का उन्मूलन संभव : रिची पाण्डेय, जिलाधिकारी

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, २७ नवम्बर
समाज के हर वर्ग की एकजुटता से ही बाल विवाह का उन्मूलन संभव है, बच्चों के प्रति सामाजिक व्यवहार परिवर्तन, लिंग भेदभाव, बालिकाओं को बेहतर कैरियर का अवसर एवं सरकार की विभिन्न योजना से अच्छादित करके बाल विवाह पर पूर्ण विराम लग सकते है। उक्त बातें जिला पदाधिकारी रिची पाण्डेय ने सीतामढ़ी समाहरणालय स्थिति विमर्श सभागार मे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाने हेतु उक्त अभियान के शुभारंभ के मौके पर कही। उन्होंने बताया कि बाल विवाह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, विकास एवं आने वाले पीढ़ियों पर बुरा प्रभाव डालता है। बाल विवाह मे शामिल पंडित, बैंड बाजा, टेंट, हलवाई, सगे संबंधी सभी लोगो के लिए दंड का प्रावधान है। अभिभावकों को भी बच्चे के शादी से ज्यादा कैरियर के लिए सोचना जरुरी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानून का उल्लंघन है, जो बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा,स्वास्थ्य एयर विकास में बाधा है तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकता है। इसलिए हम सभी लोगों को शपथ लेना चाहिए कि बाल विवाह के खिलाफ हर संभव प्रयास किया जाए। जिला पदाधिकारी ने उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को बाल विवाह निषेध से संबंधित शपथ भी दिलाई। उन्होंने बाल विवाह होने की सूचना पूर्व मे मिले इसके लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाने पर बल दिया। उन्होंने हॉट स्पॉट क्षेत्र चिन्हित कर पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की बात बताई। मौके पर डीपीओ आईसीडीएस कंचन कुमारी गिरी, डीपीआरओ कमल सिंह, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई लाल कृष्ण राय, उड़ान परियोजना यूनिसेफ व प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार, डीपीएम मो.एजाज अंसारी, सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिकाएं सहित समाहरणालय के कर्मी आदि उपस्थित थे।