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सभी अभियोजन पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के साथ सामंजस्य बनाकर कार्य करें- रिची पांडेय, जिलाधिकारी

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, २५ नवम्बर  

जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में अभियोजन की बैठक की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी, प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा,लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक, जिला जनसम्पर्क अधिकारी कमल सिंह, पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य विधि पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी अभियोजन पदाधिकारी,पुलिस पदाधिकारी के साथ सामंजस्य बनाकर कार्य करें। निर्देश दिया गया कि स्पीडी ट्रायल से संबंधित मामले एवं सामान्य वाद  मामले की समीक्षा की गई। लंबित वादों के निष्पादन की धीमी गति पर नाराजगी प्रकट की गई। निर्देश दिया गया कि सभी विधि पदाधिकारी स्पीडी ट्रायल से संबंधित सभी मामलों का निष्पादन यथा शीघ्र करना सुनिश्चित करें साथ ही समान्य मामलो के निष्पादन में भी प्रगति लाएं साथ ही प्रत्येक वाद में राज्य का पक्ष दृढ़तापूर्वक रखा जाय जिससे कि विभिन्न वादों में अधिकाधिक दोष सिद्धि कराया जा सके। दोषसिद्धि के मामले की संख्या कम होने पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी प्रकट की गई एवं सख्त निर्देश दिया गया कि अधिकाधिक दोषसिद्धि करवाया जाए। उन्होंने सभी अभियोजन पदाधिकारियों को अपने कार्यों में पर्याप्त सुधार लाने के निर्देश दिए गए। अगले माह में प्रत्येक न्यायालय में दोष सिद्धि सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया। निष्पादन के अंतिम स्थिति वाले केसों में गवाहों की गवाही ससमय पूर्ण कराकर विचारण प्रक्रिया पूरी करते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को जल्द सजा दिलाया जाए। जिला लोक अभियोजन पदाधिकारी एवं अपर लोक अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि सभी थानेदारों के साथ अभियोजन की मासिक बैठक कर समीक्षा करें ताकि उनके द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत केस डायरी एवं चार्ज शीट की गुणवत्ता में सुधार हो सके। बैठक में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण संबंधी अधिनियम, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, मद्य निषेध आदि विषयों से संबंधित अभियोजन एवं उसके अनुसंधान पर भी चर्चा हुई। इसके अतरिक्त जिला पदाधिकारी के द्वारा उत्पाद एक्ट के तहत वादों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित कराने का निर्देश दिया गया बैठक में एक्साईज एक्ट ,पोक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, एससी/ एसटी एक्ट, हत्या, डकैती, बलात्कार, शस्त्र अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण और गंभीर मामलों को चिन्हित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर ससमय निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाना हम सभी की जिम्मेदारी है और हम सबकी यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि हम न्याय समय से दिला सके।

 

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