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लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ समापन, विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने पारंपरिक छठ गीतों के बीच पूजा-अर्चना की

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०८ नवम्बर  

उदीयमान सूर्य यानी उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रतियों नें अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास को पूरा किया. इसी के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो गया. इससे पहले गुरुवार शाम में छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया था. मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न छठ घाटों पर देर रात से ही भक्तों की भीड़ देखी गयी. मुजफ्फरपुर शहर के पड़ाव पोखर, साहू पोखर, सीढ़ी घाट से चंदवारा घाट के बीच स्थित अखाड़ा घाट, सूर्य नारायण घाट, आश्रम घाट,लकड़ी ढाई घाट समेत अन्य छठ घाटों पर लाखों की संख्या में छठ व्रती सूर्योदय होने के साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए तैयार खड़े मिले. छठ घाट पर सपरिवार पहुंचे जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन नें आम लोगों के साथ मनाया छठ का महापर्व और जिले वासियों को दी छठ पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं। भगवान भास्कर से जिले के विकास एवं खुशहाली की कामना की। मुजफ्फरपुर जिले में बने छठ घाटों पर व्रती आधी रात के बाद से ही इकट्ठा हो गए. रात के अंधेरे में छठ घाट दीयों की रोशनी से सज गये थें. मुजफ्फरपुर के बूढी गंडक के किनारे स्थित छठ घाटों के अलावे कई तालाबों में भी सुबह 3 बजे से ही लोगों का पहुंचना जारी रहा. लोग पहुंचते रहे और छठ घाटों पर प्रसाद के सूप और डालों को सजाकर लोग रखते गए. छठ व्रत करने वाले व्रती पानी में उतर कर भगवान भास्कर के उगने का इंतजार करते दिखे और इस दौरान छठव्रती सूर्य की उपासना करते नजर आये. तालाबों में भी काफी भीड़ पहुंची थी. इस दौरान छठ घाटों पर पूजा समितियों ने तालाबों को बेहतर ढंग से सजाया था, रंगीन बल्बों और झालरों से सजा तालाबो का छठ घाट आकर्षक नजर आ रहा था. छठ व्रत के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत के पारण का विधान है. चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है. भगवान भास्कर का अर्घ्य देने के बाद घाट पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने व्रतियों से ठेकुआ का प्रसाद प्राप्त किया. जबकि बड़ी संख्या में लोगों ने घरों की छतों पर भी छठ पूजा की। सुबह 3 बजे से ही छठ घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। सभी व्रती पूजा की सामग्री लेकर घाट पहुंच रहे थे। इससे पहले गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया था।गौरतलब है की यह महापर्व चार दिनों तक चलता है। इस दौरान व्रती कठोर उपवास रखते हैं और सूर्य देव की आराधना करते हैं। छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है। बिहार के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु भगवान सूर्य को सबसे पहले अर्घ्य देने के लिए आतुर नजर आए। इसे लेकर लोगों में बहुत उत्साह दिखाई दिया। लोग नए कपड़े पहनकर घाटों पर पहुंचे और पूरे विधि-विधान से पूजा की। वहीं महिलाओं ने छठ पूजा के दौरान लोकगीत की गाए। उदीयमान सूर्य देने के पीछे पौराणिक मान्यताएं हैं। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्य की प्राप्ति, सौभाग्य और संतान के लिए रखा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, राजा प्रियव्रत ने भी छठ व्रत रखा था। उन्हें कुष्ट रोग हो गया था।इस रोग से मुक्ति के लिए भगवान भास्कर ने भी छठ व्रत किया था। मुजफ्फरपुर में चार दिवसीय अनुष्ठान का महापर्व छठ की छटा बिखरी हुई दिखी। गांव से लेकर कस्बों, शहरों, गलियों, सड़कों तक में छठ के मधुर गीत गूंज रहे हैं। मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में 49 पुरुष और 47 महिलाओं समेत कुल 96 बंदी छठ महापर्व कर रहे थें। जिसमें सजायाफ्ता 13 महिला, विचाराधीन 33 महिला और एक मुस्लिम महिला के साथ ही 18 सजायाफ्ता, 28 विचाराधीन पुरुष, दो मुस्लिम पुरुष और एक सिख पुरुष बंदी शामिल थें। छठ पूजा के लिए सभी व्रतियों को जेल प्रशासन के तरफ से पूजा सामग्री के साथ-साथ पूजा करने के लिए नए-नए कपड़े भी दिए गए थें। कैदियों के लिए जेल के अंदर ही पूजा करने के लिए कृत्रिम छठ घाट बनाया गया था, जिस पर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर हर साल जेल प्रशासन बंदियों को पूजा पाठ करने की सभी सामग्री उपलब्ध कराती है और पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रती बंदी अपना पूजा पाठ करते हैं। सूर्य उपासना के छठ व्रत को लेकर लोगों में जो आस्था है, वह जेल के अंदर भी देखने को मिल रहा था। जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जेल प्रशासन की तरफ से सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं के साथ-साथ छठ पूजा कर रहे बंदियों के बीच पूजन सामग्री के साथ-साथ पूजा पाठ करने के लिए कपड़ा भी मुहैया कराया गया था। छठ घाट से लेकर व्रत कर रहे बंदियों के रहने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। महापर्व के दौरान मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की टीम सभी छठ घाटों पर मुस्तैद और चौकस दिखी.

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